56 लाख महिलाओं को मिला सम्मान राशि का तोहफा: आज होगा ऐतिहासिक कार्यक्रम
झारखंड की 56 लाख से अधिक महिलाओं के लिए आज का दिन खास होने वाला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की महिलाओं को 2,500 रुपये की बढ़ी हुई मंईयां सम्मान राशि उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करेंगे। यह कार्यक्रम रांची के नामकुम स्थित आर्मी ग्राउंड में आयोजित किया गया है, जहां करीब 4 लाख महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है।

महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण की पहल
राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक सहायता और सम्मान देने के लिए मंईयां सम्मान योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत हर महिला को पहले 1,000 रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है। यह कदम महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया गया है।
भव्य तैयारी और खास इंतजाम
कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं। लाभुकों और अतिथियों के लिए अलग-अलग रास्ते तय किए गए हैं, ताकि सब आसानी से पहुंच सकें। लाभुकों के वाहन रिंग रोड के जरिए कार्यक्रम स्थल तक आएंगे, जबकि वीवीआइपी और अतिथि नामकुम सदाबहार चौक से गुजरेंगे।
लोक कलाकारों का सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस मौके को खास बनाने के लिए झारखंड के पारंपरिक लोक कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। नागपुरी गायक पवन राय, कुडुख गायक सुरेंद्र कुजूर और सादरी गायक इग्नेश कुमार अपनी गायकी से समां बांधेंगे। साथ ही, पाइका और छऊ जैसे झारखंड के पारंपरिक नृत्य भी देखने को मिलेंगे।
सफाई और सुविधाओं का पूरा ध्यान
कार्यक्रम स्थल की सफाई के लिए विशेष टीम तैनात की गई है। साथ ही, चलंत शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद
रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया और सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समय पर पहुंचे और अपनी जिम्मेदारी निभाएं। सुरक्षा, यातायात और विधि व्यवस्था को भी सुचारू रखने की तैयारी की गई है।
महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद
यह कार्यक्रम झारखंड की महिलाओं के लिए सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक नया आत्मविश्वास और सम्मान भी लेकर आया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
यह दिन राज्य की महिलाओं के लिए गर्व और खुशी का दिन है। यह सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि झारखंड के विकास और महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ता एक और कदम है।